बिना चाशनी वाले तिल्ली के लड्डू | Til ladoo without sugar syrup| तिल के ...

             भारतीय संस्कृति का महत्व              (मकर सक्रांति के संदर्भ में)  मनुष्य के शरीर के द्वारा विटामिन डी बनाया जाता है ...





             भारतीय संस्कृति का महत्व

             (मकर सक्रांति के संदर्भ में) 

मनुष्य के शरीर के द्वारा विटामिन डी बनाया जाता है सूर्य की रोशनी की मदद से | तिल्ली या तिल में कैल्शियम की मात्रा सबसे अधिक होती है (975 मिलीग्राम प्रति 100 ग्राम)| दूध में यह अनुपात केवल 125 मिलीग्राम का होता है | मानव शरीर में यह क्षमता होती है कि वह विटामिन D को एक साल के लिए संग्रहित कर सकता है और उसका उपयोग कर सकता है| मानव शरीर को विटामिन डी का संग्रह करने के लिए 3 दिन लगते हैं (इसका मतलब यह हुआ कि हमें 3 दिन सूर्य की रोशनी में रहना होता है|) सर्दियों के अंत में और गर्मियों की शुरुआत में सूर्य की रोशनी की गुणवत्ता अपने उच्च स्तर पर रहती है | यह समय होता है मकर सक्रांति का | उपरोक्त सभी बिंदुओं को जोड़कर देखने पर हमें ज्ञात होगा कि हमारे संतो ने किस बुद्धिमता से मकर सक्रांति को विज्ञान और व्यवहार के साथ जुड़ा है | मकर सक्रांति के पर्व पर बच्चे अपों पर पतंग उड़ाते हैं जिससे कि उन पर सूर्य की रोशनी पड़ती है और इस समय उन्हें तिल के लड्डू खाने को मिलते हैं | इस तरह से उनके शरीर में साल भर के लिए विटामिन डी की आपूर्ति हो जाती है| इसे कहते हैं संस्कृति और विज्ञान का संगम |

             बिना चाशनी के तिल्ली के लड्डू

ठंड के मौसम में तिल से बने व्यंजन और संक्रांति के समय तिल-गुड़ के लड्डू बनाए जाते हैं, जो स्वाद में तो बेहद लाजवाब होते ही हैं, सेहत के लिए भी कई तरह से फायदेमंद होते हैं। तिल के लड्डू सर्दियों में बनने वाली एक ट्रडिशनल स्वीट है। खासकर मकर संक्रान्ति के समय इसे जरूर बनाया जाता है। ये एक सिंपल रेसिपी है जो कि अपने पोषक तत्वों की वजह से जानी जाती है।



          ठंड के मौसम में तिल का महत्व

तिल से बने व्यंजन गर्मी और ऊर्जा दोनों देते हैं, जिसकी हमें इस जनवरी की ठंड के मौसम में अत्यधिक आवश्यकता होती है| तिल और गुड़ को मिलाकर बनाये गये लड्डू मकर संक्रांति पर अवश्य बनाये जाते हैं, तिल गुड लड्डू को तिल कुटा भी कहा जाता है |ये लड्डू बनाने में बड़े ही आसान हैं और खाने में बहुत ही स्वादिष्ट होते हैं |

             बिना चाशनी की रेसिपी

अक्सर तिल्ली के लड्डू को चाशनी में बनाया जाता है लेकिन आज हम बिना चाशनी के तिल्ली के लड्डू बनाना सीखेंगे|इस मकर संक्रान्ति के मौके पर इस अलग तरीके के तिल के लड्डू बनाना न भूलें |


       Significance of Indian Culture

      In light of traditional festival     

                      Makarsakranti



vitamin D is made by the body with sunlight. Sesame seeds( til) have the highest calcium (975mg per 100g). Milk has 125mg only. Human body is capable of storing vitamin D up to a year, and use the reserves. Lastly, the body is capable of getting it viatmin D reserves full with 3 full days of sunlight. The best quality of sunlight is end of winter & beginning of summer. Now join the dots, and see how wise our sages were of ancient India. They created a festival of flying kites where by our kids get excited to go in the open, under direct sunlight, throughout the day starting from early morning. And their mothers feed them homemade TIL laddoos. (Fantastic culture )

         Til Ladoo without Sugar Syrup

A festive treat, Til Ladoo is usually prepared to celebrate festivals llike Lohri, Makar Sankranti . It is a delicate, traditional winter sweet, made with roasted sesame seeds. A perfect warming snack in winters,which can be stored and consumed whenever required. Ladoo or sometimes spelled laddo or laddu, is the Indian word for any ball-shaped sweet.


                 Winter Recipe

This particular dessert is especially popular during winter months as sesame is thought to have heating properties .It gives warm and energy to human body during cold weather .

        Til recipe without sugar syrup

Usually til ladoos are prepared using sugar syrup to bond the sesame seeds and other ingredients together but today we will learn to make til ladoos without using sugar syrup. On this Makar Sankranti must try this different types of til ladoos and please the family and guests .

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